Tuesday, 1 September 2015

मोहे सिक्के ना तेरे ये सोहाये

भैया मोरे इतनी सी ख्वाहिश पूरी कर दीजो
मोहे हाथ के धागें तू अपने हाथ बाँध लीजो
मोहे सिक्के ना तेरे ये सोहाये
भैया मोरा, बिन तेरा जीया मोरा घबराये ।

भैया मोरे इतनी सी ख्वाहिश पूरी कर दीजो
मोहे चुनर सर हाथ धर दीजो
मोहे खाली-खाली दिन ना भावे
भैया मोरा, बिन तेरा जीया मोरा घबराये ।

भैया मोरे इतनी सी ख्वाहिश पूरी कर दीजो
मोहे जीने की रंग दे दीजो
मोहे मर-मर जीना ना आवे
भैया मोरा, बिन तेरा जीया मोरा घबराये ।

भैया मोरे इतनी सी ख्वाहिश पूरी कर दीजो
मोहे आँखों में नींद दे दीजो
मोहे डर-डर के सोना ना भावे
भैया मोरा, बिन तेरा जीया मोरा घबराये ।

भैया मोरे इतनी सी ख्वाहिश पूरी कर दीजो
मोहे आज का दिन दे दीजो
मोहे संग तेरे चैन लग जावे
भैया मोरा, बिन तेरा जीया मोरा घबराये।

नितेश वर्मा और रक्षाबंधन।

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