जब कभी मतलबी वक्त
अपने मतलब के बाद
गुजर जाते है
इंसान बुरे हो जाते है
दिल बेचैन
दर्द तलाशता रहता है
एक चुभन
हर वक़्त सीने में
मगर वो एक
तस्वीर मिटती ही नहीं
ऐसे लगता है
बारिश, तूफाँ संग आया था
गाँव उजड़ गयीं
मगर लोग अब भी जिंदा है।
नितेश वर्मा और मतलबी वक्त।
अपने मतलब के बाद
गुजर जाते है
इंसान बुरे हो जाते है
दिल बेचैन
दर्द तलाशता रहता है
एक चुभन
हर वक़्त सीने में
मगर वो एक
तस्वीर मिटती ही नहीं
ऐसे लगता है
बारिश, तूफाँ संग आया था
गाँव उजड़ गयीं
मगर लोग अब भी जिंदा है।
नितेश वर्मा और मतलबी वक्त।
No comments:
Post a Comment