Tuesday, 15 September 2015

हो सके तो पढनें के लिये स्कूल जाईये

सफर हसीं मुहब्बत के आप भूल जाईये
हो सके तो पढनें के लिये स्कूल जाईये।

आपको अब ये ऐसा नहीं लगता हैं क्या
पढिये किताबें और पैसें को वसूल जाईये।

नितेश वर्मा

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